तेरे मोटे मोटे नैन कजरारे,
मैं जाऊ तोपे बलिहारी ।।
तर्ज – तू माने या ना माने दिलदारा ।
तुझ बिन जीना भी क्या जीना,
तू है मेरे दिल का नगीना,
तूने कर दिया मुश्किल जीना,
मैं जाऊ तुझपे बलहारी,
तेरे मोटे मोटे नैन कजरारे
मैं जाऊ तोपे बलिहारी ।।
मुझ को पीला दे मस्ती का प्याला,
खोल दे नैनो की मधुशाला,
काली कमली ने जादू कर डाला,
मैं जाऊ तोपे बलिहारी,
तेरे मोटे मोटे नैन कजरारे
मैं जाऊ तोपे बलिहारी ।।
अब तो सुना दे मधुर मुरलियाँ,
तेरी लगन में हुई बावरियाँ,
देदो दर्शन बांके बिहारी,
मैं जाऊ तोपे बलिहारी,
तेरे मोटे मोटे नैन कजरा रे,
मैं जाऊ तोपे बलिहारी ।।
इतना कर्म पागल पे कर दे,
अपने यश का दामन भर दे,
बाबा रसिका ने राह दिखाई,
मैं जाऊ तोपे बलिहारी,
तेरे मोटे मोटे नैन कजरारे,
मैं जाऊ तोपे बलिहारी ।।