तेरे ही भरोसे बाबा मेरा परिवार था,
आज भी है और कल भी रहेगा,
तेरा ही सहरा मुझको तेरा ही अधार था,
आज भी है और कल भी रहेगा….
(तर्ज – सौ साल पहले)
तेरी किरपा से श्याम सुखी परिवार है मेरा,
मेरा जीवन है खुशाल बड़ा उपकार है तेरा,
मेरा तो पालनहारा तुहि दातार था,
आज भी है और कल भी रहेगा,
तेरे ही भरोसे बाबा मेरा परिवार था….
हर वक़्त मेरा तुमने कन्हैया साथ निभाया है,
जब दी आवाज तुम्हे तू लीले चढ़ कर आया है,
पहले भी इतना तुम पर मेरा अधिकार था,
आज भी है और कल भी रहेगा,
तेरे ही भरोसे बाबा मेरा परिवार था….
मेरी अर्जी को हर बार श्याम तुमने मंजूर किया,
बिन मांगे ही दातार मुझे तूने भरपूर दियां,
पहले भी ‘सोनू’ बाबा तेरा कर्जदार था,
आज भी है और कल भी रहेगा,
तेरे ही भरोसे बाबा मेरा परिवार था….