सूरदास जी का एक तारा लिरिक्स

Surdas Ji Ka Ek Tara Lyrics

सूरदास जी का एक तारा, मीरा की करताल,
बोले जय गिरधर गोपाल, बोले जय गिरधर गोपाल ।।

(हाथ छुड़ाये जात हो, निर्बल जान के मोहे,
हृदय से जब जाओ तो, सबल मैं जानूं तोहे) ।।

हाथ छुड़ाके चले कन्हैया, फिर भी साथ ना छोड़ा,
दर्शन की प्यासी अखियों ने, हरि से नाता जोड़ा,
छोड़ी ममता छोड़ी माया, छोड़ा जग जंजाल,
बोले जय गिरधर गोपाल, बोले जय गिरधर गोपाल ।।

गिरधर नागर की भक्ति का पाया ऐसा हीरा,
राणाजी का विष का प्याला हसकर पी गई मीरा,
मीरा गिरधर आगे नाची, पहन भक्ति वरमाल,
बोले जय गिरधर गोपाल, बोले जय गिरधर गोपाल ।।

सूरदास के इक तारे ने छेड़ी ऐसी गाथा,
जिसको सुनकर झुका लिया, त्रिभुवन ने अपना माथा,
गज की सुनी पुकार दौड़कर, आये थे नन्दलाल,
बोले जय गिरधर गोपाल, बोले जय गिरधर गोपाल ।।