शिव शंकर डमरू वाले लिरिक्स

Shiv Shankar Damru Wale Lyrics

है धन्य तेरी माया जग में,
ओ दुनिया के रखवाले,
शिव शंकर डमरू वाले,
शिव शंकर भोले भाले ।।

जो ध्यान तेरा धर ले मन में,
वो जग से मुक्ति पाए,
भव सागर से उसकी नैया,
तू पल में पार लगाये,
बाबा पल में पार लगाये,
संकट में भक्तों को बढ़ कर,
तू भोले आप संभाले,
शिव शंकर डमरू वाले,
शिव शंकर भोले भाले ।।

है कोई नहीं इस दुनिया में,
तेरे जैसा वरदानी,
नित सुमिरन करते नाम तेरा,
सब संत ऋषि और ज्ञानी,
बाबा संत ऋषि और ज्ञानी,
ना जाने किस पर खुश हो कर,
तू क्या से क्या दे डाले,
शिव शंकर डमरू वाले,
शिव शंकर भोले भाले ।।

त्रिलोक के स्वामी होकर भी,
क्या औघड़ रूप बनाये,
कर में डमरू त्रिशूल लिए,
और नाग गले लपटाये,
भोले नाग गले लपटाये,
तुम त्याग के अमृत पीते हो,
नित प्रेम से विश के प्याले,
शिव शंकर डमरू वाले
शिव शंकर भोले भाले ।।

तप खंडित करने कामदेव जब,
इंद्रलोक से आया,
और साध के अपना काम बाण,
तुझ पर वो मूर्ख चलाया,
भोले पे मूर्ख चलाया,
तब खोल तीसरा नैन भस्म,
उसको पल में कर डाले,
शिव शंकर डमरू वाले,
शिव शंकर भोले भाले ।।

जब चली कालिका क्रोधित हो,
खप्पर और खडग उठाये,
तब हाहाकार मचा जग में,
सब सुर और नर घबराए,
सब सुर और नर घबराए,
तुम बीच डगर में सो कर,
शक्ति देवी की हर डाले,
शिव शंकर डमरू वाले,
शिव शंकर भोले भाले ।।

अब दृष्टि दया की भक्तों पर,
हे डमरूधर कर देना,
शर्मा और लक्खा की झोली,
भोले शंकर भर देना,
भोले शंकर भर देना,
अपना ही बालक जान हमें भी,
चरणों में अपना ले,
शिव शंकर डमरू वाले,
शिव शंकर भोले भाले ।।

लिरिक्स – राम लाल शर्मा जी