सावन में झूला झूल रहें, राधे संग कुंज बिहारी लिरिक्स

Sawan Me Jhula Jhul Rahe Lyrics

सावन में झूला झूल रहे,
राधे संग कुंज बिहारी,
राधे संग रसिक बिहारी,
राधे संग नित्य बिहारी,
सावन में झूला झूल रहें,
राधे संग कुंज बिहारी ।।

मोर मुकुट कानन में कुंडल,
रूप निहारत सब बृज मंडल,
कर दर्शन सुध बुध भूल रहे,
राधे संग कुंज बिहारी,
सावन में झूला झूल रहें,
राधे संग कुंज बिहारी ।।

खडो मनसुखा लेकर सोटा,
सखिया दे रही लंबे झोटा,
और बादल काले झूल रहे,
राधे संग कुंज बिहारी,
सावन में झूला झूल रहें,
राधे संग कुंज बिहारी ।।

कुक रही है कोयल काली,
लता पता छाई हरियाली,
महक कदम संग फूल रहे,
राधे संग कुंज बिहारी,
सावन में झूला झूल रहें,
राधे संग कुंज बिहारी ।।

प्रेमी ब्रज लागे मनभावन,
रिमझिम रिमझिम बरसे सावन,
बर कालिंदी संग झूल रहे,
राधे संग कुंज बिहारी,
सावन में झूला झूल रहें,
राधे संग कुंज बिहारी ।।