रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति,
आपकी मेहरबानी हमें चाहिये,
पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका,
लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये,
रिद्धि सिद्धि के दाता सुणो गणपति….
तर्ज – हाल क्या है दिलो का
सर झुकाता हूँ चरणों मे सुन लीजिये,
आज बिगड़ी हमारी बना दीजिये,
ना तमन्ना है धन की ना सर ताज की,
तेरे चरणों की सेवा हमें चाहिये,
रिद्धि सिद्धि के दाता सुणो गणपति….
तेरी भक्ति का दील मे नशा चूर हो,
बस आँखो मे मालिक तेरा नूर हो,
कंठ पे शारदा माँ हमेशा रहे,
रिध्धि सिद्धि का वरदान हमें चाहिये,
रिद्धि सिद्धि के दाता सुणो गणपति….
सारे देवों मे गुणवान दाता हो तुम,
सारे वेदों मे ज्ञानो के ज्ञाता हो तुम,
ज्ञान देदो भजन गीत गाते रहे,
बस यही ज़िन्दगानी हमें चाहिये,
रिद्धि सिद्धि के दाता सुणो गणपति….
रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति,
आपकी मेहरबानी हमें चाहिये,
पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका,
लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये,
रिद्धि सिद्धि के दाता सुणो गणपति….