पकड़ लो हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे,
हमारा कुछ ना बिगड़ेगा,
तुम्हारी लाज जाएगी,
पकड़ लो हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे….
(तर्ज – ना झटको जुल्फ से पानी)
धरी है पाप की गठरी,
हमारे सर पे ये भारी,
वज़न पापों का है भारी,
इसे कैसे उठाऐंगे,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे….
फसी है भँवर में नैया,
प्रभु अब डूब जाएगी,
खिवैया आप बन जाओ,
तो बेड़ा पार हो जाए,
पकड़ लो हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे….
तुम्हारे ही भरोसे पर,
ज़माना छोड़ बैठें हैं,
ज़माने की तरफ देखो,
इसे कैसे निभाएंगे,
पकड़ लो हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे….
दर्दे दिल की कहें किससे,
सहारा ना कोई देगा,
सुनोगे आप ही मोहन,
और किसको सुनाऐंगे,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे….