दोहा : दर्श दिवाने नैन ये, देखे तेरी बाट,
दर्शन पाकर आपका, हो जाये सब ठाट ।।
नैना दरश के प्यासे, रो-रो पुकारे, रो-रो पुकारे,
हरो पीड़ इनकी आके, हे मुरली वाले ।। टेर ।।
तर्ज़ – सौ साल पहले ।
प्रभु इनका ना कोई दोष, लोग सब तेरे गुण गावे,
वर्णन करते श्रृंगार, रूप रंग तेरा बताते,
सूरत सलोनी तेरी, केश घुंघराले – २ ।। हरो पीड़…।।
बरसे नयनों से प्यार, अधर की लाली मतवाली,
सिर मोर मुकुट की बहार, कान में कुंडल और बाली,
गले वैजयंती माला, सजती तुम्हारे – २ ।। हरो पीड़…।।
तेरे कमर करधनी में, सुहानी लड़ियां लटक रही,
तन पीत वसन मुस्कान, देख छवि कलियां हर्ष रही,
वृज वनितायें तेरी आरती उतारे – २ ।। हरो पीड़…।।
सुन-सुन गाथा तेरी, मचलता दिल सबका प्यारे,
दर्शन दिखलादो श्याम, हम भी हैं दास प्रभु तेरे,
‘सांवर’ शरण में तेरी तुझको पुकारे – २ ।। हरो पीड़…।।
लिरिक्स – सांवर जी