मेरा श्याम रंगीला,
पलकां उघाड़ो फागण आ गयो ।।
फागणियो रंगीलो महीनो, चंग सुरीला बाजै,
रेशमी दुपट्टा बांध्यां, भगतां छम-छम नाचै ।।
मेरा श्याम रंगीला, पलकां उघाड़ो…..
रंग-बिरंगी सुन्दर-सुन्दर, श्याम ध्वजा बणवाई,
लाज राखियो खाटुवाळा, या ही अरज़ लगाई ।।
मेरा श्याम रंगीला, पलकां उघाड़ो…..
मेळा पाछै होळी खेलां, केशर रंग उडावां,
‘बनवारी’ भगतां कै सागै, श्यामकुण्ड मं न्हावां ।।
मेरा श्याम रंगीला, पलकां उघाड़ो…..
लिरिक्स – जय शंकर चौधरी जी