जोगी रंग भी ना आया,
अच्छा श्रंगी नाद बजाया….
मोतीन लर अलकन संगा,
मानो जटा जूट में गंगा,
जोगी रंग भी ना आया….
ललाट में चंदन बिंदा,
मानो किये भूषण इंदा,
जोगी रंग भी ना आया….
कुंडल की चमक गहरी,
कपोलन छवि की लहरी,
जोगी रंग भी ना आया….
अंग-अंग भूषण बाजे,
मानो सुर डमरु बाजे,
जोगी रंग भी ना आया….
मलया गिरी चंदन बाजे,
पिताम्बर गुदडी धारे,
जोगी रंग भी ना आया….
सोहे बाम भाग में प्यारी,
मानो अरधंग सवारी,
जोगी रंग भी ना आया….
जोगी छवि बावरो डोले,
राधे राधे राधे बोले,
जोगी रंग भी ना आया….
मोहन मंत्र फूँक के मारी,
सब ब्रज मोहिनी डारी,
जोगी रंग भी ना आया….
जोगी सब संतों का प्राणा,
शरण मलूक ने माना,
जोगी रंग भी ना आया….