जितणो दियो सरकार वो उपकार थारो है,
साँवरियो सरकार तो दिलदार म्हारो है ।। टेर ।।
तर्ज – अपने दिल का हाल ।
मानव जनम कृपा स पायो, प्रभु प्रेम्यां क घर में आयो,
श्याम नाम रस की घूंटी को, सबसे पहलो स्वाद चखायो,
श्याम नाम तो जीवन को – २, मेटे अंधियारो है ।। साँवरियो … ।।
मौको जद पढ़ण को आयो, श्याम कथा को सार बतायो,
पावन धाम का दर्शन करने, घरका सागे खाटू आयो,
देख्यो शीश क दानी को – २, बड़ो गजब नजारो है ।। साँवरियो … ।।
जो कोई दर्दी द्वारे आवे, ऊंका आंसू देख ना पावे,
बाबो सिर पर हाथ फिरावे, सारी दुनियां शीश झुकावे,
खाटू हालो ही भगतां को – २, पालणहारो है ।। साँवरियो … ।।
जद भी कोई विपदा आयी, श्याम प्रभु से टेर लगायी,
कदे ना प्रभु न देर लगायी, हुयी मेरी झटपट सुणवायी,
गर्व से ‘राजू’ कहतो – २, म्हारे साथ सांवरो है ।। साँवरियो … ।।
लिरिक्स – राजू चितलांगिया जी