जिन दीवानों की कन्हैया, से पुरानी प्रीत है,
उन दीवानों की तो समझो, हार में ही जीत है ।। जिन … ।।
तर्ज – होश वालों को खबर क्या, बेखुदी क्या चीज़ है ।
लेके दुःख बदले में सुख दे, श्याम का अंदाज ये,
जानती दुनियां है सारी, साँवरे का राज ये,
रंक को राजा बनाना, साँवरे की रीत है ।। उन … ।।
हार कर दर पे जो कोई, श्याम के आया नहीं,
देने में मशहूर ये जो, उसने तो पाया नहीं,
जीत कर आने से बेहतर, हारना ही ठीक है ।। उन … ।।
देती है दुनियां मिसालें, इस भरे दरबार की,
क्या करेगा होड़ कोई, साँवरे सरकार की,
फक्र है मुझको ये ‘माधव’, श्याम मेरा मीत है ।। उन … ।।
लिरिक्स – अभिषेक शर्मा (माधव) जी