गौरी सुत गणराज पधारों, बीच सभा सब छोड़ के लिरिक्स
भा गया मुझे द्वार तुम्हारा,आया हाथ को जोड़ के,गौरी सुत गणराज पधारों,बीच सभा सब छोड़ के ।। (तर्ज – लेने आजा खाटू वाले) द्वार तुम्हारे लेने आया,कीर्तन में अब रस भरदो,मेने सब भक्तों को बोला ,गणपति जी की जय बोलो,(सब उठाए हाथो को अपने,दोनों हाथ को जोड़ के,) 2गौरी सुत गणराज पधारों,बीच सभा सब छोड़ […]