भोले डमरूवाले तेरा, सच्चा दरबार है,
तेरी जय जयकार भोले, तेरी जय जयकार है ।।
भक्तों के खातिर, कलयुग में आया,
दरबार अपना, भोले डमरू लगाया,
अपने भगत के लिये, करता चमत्कार हैं,
तेरी जय जयकार भोले, तेरी जय जयकार है ।।
आवाज जिसने, दिल से लगाई,
बिगड़ी हुई को, पल में बनाई,
दीन और दुखी के लिए, हरदम तैयार है,
तेरी जय जयकार भोले, तेरी जय जयकार है ।।
दरबार तेरा, सबसे निराला,
कलयुग में तेरा, है बोल बाला,
‘बनवारी’ चरणोँ में, करता नमस्कार है,
तेरी जय जयकार भोले, तेरी जय जयकार है ।।
लिरिक्स – जय शंकर चौधरी (बनवारी) जी