सारे जग का है वो रखवाला,
वो भोला बाबा है सबसे निराला,
बोल बम बोल बम,
इक चोर चला शिव मंदिर में, पाप था उसके अंदर में,
घंटा आया उसको नजर, जो था लगा शिव के ऊपर,
लेकिन था काफी ऊचे, उस तक वो कैसे पहुंचे,
कैसा लालच ने चक्र में डाला,
वो भोला बाबा है सबसे निराला,
बोल बम बोल बम ।।
उपाए समज में आया है, चोर खड़ा मुस्काया है,
शिव मूरत पे वो चढ़ के, हाथ लगाया घंटे पे,
घंटा घन घन बोल उठा, चोर का मनवा ढोल उठा,
हुआ प्रगट वो दिन दयाला,
वो भोला बाबा है सबसे निराला,
बोल बम बोल बम ।।
मांग मांग बोले शंकर, लेले तू मन चाहा वर,
में तो चोर उचक्का हु, झूठा कपटी पक्का हु,
मैंने तो बड़ा पाप किया, तूने क्या इन्साफ किया,
बाबा तू है बड़ा भोला भाला,
वो भोला बाबा है सबसे निराला,
बोल बम बोल बम ।।
कोई अक्षत पुष्प लाता है, कोई चन्दन मुझपे चढ़ाता है,
पर तूने तो अपना तन, कर दिया है मुझको अर्पण,
तू भक्त है मेरा चोर नहीं, तेरे जैसा कोई और नहीं,
ऐसा भोले है डमरू वाला,
भोला बाबा है सबसे निराला,
बोल बम बोल बम ।।
शम्बू अंतर ध्यान हुआ, चोर को तब ये ज्ञान हुआ,
त्याग दिया सब कुछ अपना, शिव का सच्चा भक्त बना,
मन से ध्यान लगाने लगा, कह ‘ताराचंद’ गुण गाने लगा,
जपे निष् दिन वो शिव की माला,
भोला बाबा है सबसे निराला,
बोल बम बोल बम ।।
लिरिक्स – संजू शर्मा जी, गोपाल जी, ताराचंद जी, दामोदर जी, सुनील जी, श्याम अग्रवाल जी