दीनों के नाथ दीनन हितकारी,
करते विनय प्रभु सुध लो हमारी,
सांवरिया नाम तेरा – २, संकटहारी ।। टेर ।।
तर्ज – खाटूवाले श्याम बाबा तेरा ही ।
गज, प्रह्लाद, मीरां बाई को उबारा,
नरसी भगत का बने हो सहारा,
द्रुपद सुता की आन न टारी ।। १ ।।
जप तप ना जाणू नहीं जाणू सेवकाई,
फिर भी सांवरिया मैंने, अरज लगायी,
नाम तुम्हारो प्रभु पतित उद्धारी ।। २ ।।
हिवड़े में श्याम ऐसी, भक्ति जगा दे,
काम, क्रोध, मद, लोभ, सारा ही छुड़ा दे,
देव दयालू ‘नन्दू’ शरण तिहारी ।। ३ ।।
लिरिक्स – नन्दू जी