यहीं सोच मैंने, खुद को संभाला,
इक दिन तो आएगा, मेरा खाटूवाला ।। टेर ।।
तर्ज – तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा ।
समझता है सारे, जज्बात मेरे, वो सब जानता है, हालात मेरे,
अंधेरे से जीवन में, करेगा उजाला …. इक दिन ।। १ ।।
भले देर से ही, तरस खायेगा वो, भला हूँ बुरा हूँ, अपनायेगा वो,
खोलेगा मेरी, किस्मत का ताला …. इक दिन ।। २ ।।
पिता का हृदय है, पसीजेगा प्यारे, नहीं देख पायेगा, वो आंसू हमारे,
‘सचिन’ संकटो को, उसने ही टाला …. इक दिन ।। ३ ।।