चरणों का पुजारी हूँ,
तेरे दर का भिखारी हूँ,
जिंदगी दाव पे रख दी,
प्रभु ऐसा जुआरी हूँ….
तर्ज – एक प्यार का नगमा है
ये मेरी हक़ीकत है,
चहू और मुसीबत है,
हारा हुआ प्राणी हूँ,
सुनले यदि फ़ुर्सत है,
उमरा तेरी यादो में,
प्रभु क्या ना गुजारी हूँ,
जिंदगी दाव पे रख दी,
प्रभु ऐसा जुआरी हूँ,
चरणों का पुजारी हूँ….
रुख़ नेक मिलाओ तो,
दिल दिल से लगाओ तो,
मुद्दत से जो प्यासा हूँ,
दो घुट पिलाओ तो,
तस्वीर अदा तेरी,
इस दिल में उतारी हूँ,
जिंदगी दाव पे रख दी,
प्रभु ऐसा जुआरी हूँ,
चरणों का पुजारी हूँ….
हर बात समझते हो,
अंजान भी बनते हो,
नाराजी है क्या ऐसी,
दिलदार ना मनते हो,
दीवाना हूँ जिस दिन से,
छवि नेक निहारी हूँ,
जिंदगी दाव पे रख दी,
प्रभु ऐसा जुआरी हूँ,
चरणों का पुजारी हूँ….
‘शिव’ श्याम बहादुर के,
दो नैनो के ज्योति हो,
करुणा ही तेरी प्यारे,
बदनाम जो होती हो,
कहने भी नही पाता,
नौकर सरकारी हूँ,
जिंदगी दाव पे रख दी,
प्रभु ऐसा जुआरी हूँ,
चरणों का पुजारी हूँ….
लेखक – शिव चरण भीमराजका जी
स्वर – संजय मित्तल जी