गाजे बाजे से बुलाले बाबा श्याम,
आयो महीनो फागन को…
कई दिना सा मन में लागी, जावा खाटू धाम,
एक एक दिन गिन गिन काटा, कईया दिखे श्याम,
म्हाने बेगो सो बुलाले बाबा श्याम, आयो महीनो फागन को,
गाजे बाजे से बुलाले बाबा श्याम…
फागन मॉस रंगीलो थारे, भगता के मन भावे,
खाटू के मेले के माहि, नाच कूदता आवे,
म्हाने भगता से मिलाये बाबा श्याम, आयो महीनो फागन को,
गाजे बाजे से बुलाले बाबा श्याम…
आलू सिंह पर किरपा थारी, नित उठ शीश नमावे,
जो कोई मंदिर में आवे, अबे दान फल पावे
म्हाने चरना में लिपटाए बाबा श्याम, आयो महीनो फागन को,
गाजे बाजे से बुलाले बाबा श्याम…
श्याम दानी से आस घनी थे, भगता रा पतिपाल,
बिन्नू की विनती थारे से दर्शन दयो हर साल,
मेलो खाटू को दिखाए बाबा श्याम, आयो महीनो फागन को,
गाजे बाजे से बुलाले बाबा श्याम…